[1]
सोनामित लेप्चा, “‘पीर पर्वत हो गई है’ तथा ‘तेस्रो घर’ कहानी का तुलनात्मक अध्ययन”, पूर्वोत्तर प्रभा, vol. 2, no. 1 (Jan-Jun), pp. p: 51–58, Nov. 2022.