विनोबा भावे का अंतिम उद्गार : खादी-मिशन
Keywords:
गांधी, विनोवा, खादी-मिशन, आयोगAbstract
शोध सारांश-
महात्मा गांधी के जाने के बाद ‘खादी’ कुछ समय अपने मूल स्वरूप में चलता रहा किंतु 1956 में ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ बना, जिसने खादी जगत को आर्थिक सहायता दी जिससे रोजगार तेजी से बढ़ा। समय के साथ यह आर्थिक सहयोग ‘खादी और ग्रामोद्योग आयोग’ और खादी संस्थानों में भ्रष्टाचार का बीज बो दिया। इससे खादी संस्थानों की स्थिति खराब होने लगी इस पर विनोबा भावे ने खादी विचार को आगे बढ़ाने और गांधी के सपनों को पूरा करने हेतु ‘खादी-मिशन’ की स्थापना 2 अक्टूबर, 1981 में की तब से ‘खादी-मिशन’ उस दायित्व को पूरा करने की कोशिश कर रहा है। खादी-मिशन की स्थापना पवनार आश्रम की एक सभा में हुई, जो आज भी स्वतंत्र व अपंजीकृत संस्था है। बावजूद इसके, पूरे देश की खादी संस्थायें इसके बैनर तले एक हैं। यह शोध पत्र खादी मिशन के उद्देश्यों व कार्यों का विश्लेषण करता है।
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