रेत समाधि: एक सरहद गाथा

Authors

  • जोस्ना जोस शोधार्थी, यूनिवर्सिटी कॉलेज पालयम केरल विश्वविद्यालय, केरल

Keywords:

माँ, बेटी, किन्नर, सरहद, परिवार, राजनीति

Abstract

शोध-सारांश

            बुकर सम्मान से पुरस्कृत ‘रेत समाधि’ गीतांजलि श्री का किस्सागोई से युक्त बेहतरीन उपन्यास है। सरहद और औरत की गाथा को महीन और बारीक भाषा के प्रयोग से उन्होंने इसे कालजयी बना दिया है।  यह उपन्यास पाठक को देश विभाजन से लेकर समकालीन कई मुद्दों पर विचार विमर्श करने को बाध्य करा देती है।  सरहद दो मुल्कों के बीच का पुल होता है, उन्हें हम अलग नहीं कर सकते। बॉर्डर चाहे देश का हो, रिश्तों का हो, देह का हो, वह संगम स्थल  बनकर रह जाता है। माँ का सरहद पार करके आना हर बॉर्डर को लांघना है। यह उपन्यास एक लंबे समय की दास्तान को हमारे सम्मुख खोलकर रखता है।

 

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Published

2022-11-24

How to Cite

जोस्ना जोस. (2022). रेत समाधि: एक सरहद गाथा. पूर्वोत्तर प्रभा, 2(1 (Jan-Jun), p: 100–104. Retrieved from http://supp.cus.ac.in/index.php/Poorvottar-Prabha/article/view/90