हिंदी सिनेमा के गीतों में जीवन के विविध रूप

Authors

  • ज्ञानबती कुमारी साह पीएच. डी. शोधार्थी, हिंदी विभाग सिक्किम विश्वविद्यालय, गंगटोक

Keywords:

हिंदी सिनेमा, गीत-संगीत, फ़िल्म, प्रेम, जीवन, गीतकार, संगीतकार

Abstract

शोध- सारांश:

हमारा जीवन तमाम भौतिक घटनाओं से प्रभावित होता आया है। लगभग 110 सालों के सिनेमाई इतिहास ने समाज के विविध पहलुओं को प्रस्तुत करने में अपनी महत्ती भूमिका निभाई है। गीत-संगीत से हमारा गहरा संबंध है और हिंदी सिनेमा के गीतों द्वारा जीवन संबंधी इन्हीं विविधता को दिखाने का प्रयत्न किया गया है। सिनेमा के एक सौ दस सालों के इतिहास में जीवन और गीतों का अंतरसंबंध कैसा रहा है, उसकी अभिव्यक्ति बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत हुई है। भारत एक बहुभाषी देश है। आज भले ही हर प्रान्त में अलग-अलग बोलियाँ बोली जाती हों, परंतु जब हिंदी सिनेमा के गीतों की बात आती है तो ऐसा प्रतीत होता है कि कोई प्रान्त अलग बोलियों का प्रान्त नहीं अपितु एक ही भाषा-बोली का प्रान्त है। हिंदी सिनेमा जगत ने फिल्मों में गीतों के संयोजन द्वारा जीवनासंबंधी अनेक संदर्भों को उकेरने का सफल प्रयास किया है, जिसमें हम जीवन के हर पहलू को देख सकते हैं।

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Published

2022-11-24

How to Cite

ज्ञानबती कुमारी साह. (2022). हिंदी सिनेमा के गीतों में जीवन के विविध रूप. पूर्वोत्तर प्रभा, 2(1 (Jan-Jun), p: 93–99. Retrieved from http://supp.cus.ac.in/index.php/Poorvottar-Prabha/article/view/89