विभाजन की त्रासदी और स्त्री
Keywords:
भारत-विभाजन जेंडरजेंडरगत अध्ययन इतिहास स्त्रीवाद त्रासदी स्त्री पर हिंसा साम्प्रदायिक, ध्रुवीकरण, पितृसत्ता, यौन हिंसा, मुस्लिम लीग, हिन्दूवाद, पाकिस्तान, शरणार्थी, मुहाज़िर, स्थान्तरण, साम्प्रदायिक दंगा, भारतीय उपमहाद्वीप, धार्मिक अतिवाद, पार्टीशन, कुलदीप नैयर, DeccanHerald 1947, ऑनर किलिंग, युद्धबंदी, बलात्कार, विस्थापन, सामूहिक आत्महत्या, इतिहास का पुनरवलोकन इत्यादिAbstract
सारांश
भारत-विभाजन की त्रासदी का जेंडरगत अध्ययन : एक आवश्यक लेखकीय कार्यभार
भारत-विभाजन की ऐतिहासिक घटना का स्त्रियों की जिंदगियों पर क्या प्रभाव पड़ा; यह देखना दरअसल एक त्रासदी से गुज़रने जैसा अनुभव है। वैसे तो किसी भी देश के विभाजन का उस देश के प्रत्येक व्यक्ति पर प्रभाव पड़ता है, लेकिन स्त्रियों पर इसके कुछ भिन्न प्रभाव एवं परिणाम देखे जाते हैं. ये प्रभाव व्यक्तिगत, सामाजिक एवं आर्थिक सब प्रकार के हो सकते हैं. इन परिणामों और प्रभावों का जेंडरगत अध्ययन एक आवश्यक लेखकीय कार्यभार है.
यह अध्ययन इन चार विषय-विस्तार बिन्दुओं के माध्यम से सम्पन्न किया जाएगा-
- भारत का विभाजन किन विशेष स्थिति-परिस्थितियों के बीच हुआ? ये स्थिति-परिस्थितियाँ कैसे उत्पन्न हुईं और इनके पीछे कौन लोग थे. इसके अतिरिक्त यह भी कि भारत-विभाजन के क्या परिणाम हुए?
- विभाजन की त्रासदी एक त्रासदी कैसे है? ऐसी ट्रेजेडी दुनिया में दूसरी नहीं है?
- विभाजन के दौरान स्त्री पर हुई हिंसा के विविध रूपों का विस्तृत विवरण और विश्लेषण ?
- विभाजन की त्रासदी का स्त्रियों के जीवन पर पड़े प्रभाव का मूल्याङ्कन करना |
विभाजन की त्रासदी का सबसे सांघातिक और शर्मनाक पहलू स्त्रियों पर की गई बेतरह हिंसा है। विभाजन के समय और उसके बाद स्त्रियों पर की गई हिंसा को, उसके विभिन्न रूपों को विशेष रूप से उद्घाटित किया जाना प्राथमिक तौर पर ज़रूरी है. यहाँ हमने इस पर ध्यान देने की कोशिश की है।
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