रामनरेश त्रिपाठी की सामाजिक प्रतिबद्धता

Authors

  • पुरन्दरदास लेखक

Keywords:

नैतिकता, आदर्श, जीवनमूल्य, मानवतावाद, लोककल्याण, सामाजिकता

Abstract

सारांश

साहित्य समाज-दर्शन और सामाजिक प्रेरणा का शास्त्र है । समसामयिक समाज-दृष्टि को परिभाषित और व्याख्यायित करने तथा पुरातन मूल्यों को प्रतिष्ठित करने में साहित्य की विशिष्ट भूमिका है । साहित्य मनुष्य के विवेक, बुद्धि, अस्तित्व और विकास का आधार है । किसी भी साहित्यिक रचना में सामाजिक विवेक का जागरण, सार्वजनिक एवं सार्वभौमिक हित-चिन्तन तथा अमानवीय शक्तियों से संघर्ष का उद्घाटन अपेक्षित होता है । कोई भी समाज जब किन्हीं खास कारणों से अपनी बद्धमूल धारणाओं में परिवर्तन करता है और किसी नयी वैचारिक चिन्तनधारा को ग्रहण करता है वह परिवर्तन उस समाज का नवजागरण कहा जाता है । कविवर रामनरेश त्रिपाठी का काव्य मानवतावाद की नवीन वैचारिकता, नवजागरण से संपृक्त है ।

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Author Biography

पुरन्दरदास लेखक

असिस्टेंट प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग

पूर्णियाँ विश्वविद्यालय, पूर्णियाँ, बिहार

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Published

2022-05-11

How to Cite

लेखक प. . . (2022). रामनरेश त्रिपाठी की सामाजिक प्रतिबद्धता. पूर्वोत्तर प्रभा, 1(1 (Jan-Jun), p.54–57. Retrieved from http://supp.cus.ac.in/index.php/Poorvottar-Prabha/article/view/49