रामनरेश त्रिपाठी की सामाजिक प्रतिबद्धता
Keywords:
नैतिकता, आदर्श, जीवनमूल्य, मानवतावाद, लोककल्याण, सामाजिकताAbstract
सारांश
साहित्य समाज-दर्शन और सामाजिक प्रेरणा का शास्त्र है । समसामयिक समाज-दृष्टि को परिभाषित और व्याख्यायित करने तथा पुरातन मूल्यों को प्रतिष्ठित करने में साहित्य की विशिष्ट भूमिका है । साहित्य मनुष्य के विवेक, बुद्धि, अस्तित्व और विकास का आधार है । किसी भी साहित्यिक रचना में सामाजिक विवेक का जागरण, सार्वजनिक एवं सार्वभौमिक हित-चिन्तन तथा अमानवीय शक्तियों से संघर्ष का उद्घाटन अपेक्षित होता है । कोई भी समाज जब किन्हीं खास कारणों से अपनी बद्धमूल धारणाओं में परिवर्तन करता है और किसी नयी वैचारिक चिन्तनधारा को ग्रहण करता है वह परिवर्तन उस समाज का नवजागरण कहा जाता है । कविवर रामनरेश त्रिपाठी का काव्य मानवतावाद की नवीन वैचारिकता, नवजागरण से संपृक्त है ।
Downloads
Downloads
Published
How to Cite
Issue
Section
License
Copyright (c) 2022 पूर्वोत्तार प्रभा
This work is licensed under a Creative Commons Attribution-ShareAlike 4.0 International License.