भीष्म साहनी की कहानियों में साम्प्रदायिक चेतना

Authors

  • राम प्रवेश रजक सहायक प्रोफेसर, हिन्दी विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय, कोलकाता

Keywords:

साम्प्रदायिकता विरोधी मनोवृत्ति, उदारतावाद का पाखंड, साम्प्रदायिक कट्टरवाद, विभाजन की त्रासदी, विस्थापन दंगे और पुनर्स्थापना, धार्मिक उन्माद

Abstract

हिन्दी साहित्य में विभाजन की विभीषिका पर लिखने वाले साहित्यकारों में भीष्म साहनी का नाम भी अग्रणी लेखकों में आता है। भीष्म साहनी का रचना संसार अविभाजित भारत, विभाजन की त्रासदी, विस्थापन दंगे और पुनर्स्थापना के साथ-साथ उसके लम्बे मोहभंग और उसकी दुःस्वप्न की कहानी है।

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Published

2022-05-12

How to Cite

रजक र. प. (2022). भीष्म साहनी की कहानियों में साम्प्रदायिक चेतना. पूर्वोत्तर प्रभा, 1(2 (Jul-Dec), p.36–38. Retrieved from http://supp.cus.ac.in/index.php/Poorvottar-Prabha/article/view/24