स्त्री जनित समस्याएँ
ममता कालिया कृत ‘लड़कियाँ’ उपन्यास के विशेष संदर्भ में
Keywords:
पुरुषप्रधान समाज, दाहकर्म, मॉब लिंचिंग’, सामाजिक कोढ़, स्त्री विमर्श, आधुनिक नगर बोधAbstract
हिंदी साहित्य में ममता कालिया की एक अलग पहचान है । वर्त्तमान स्त्री के सभी हालातों को उन्होंने अपने उपन्यासों में यथार्थ चित्रण किया है । ‘लडकियाँ’ उपन्यास में भी उन्होंने दो लड़कियों के माध्यम से स्त्री के अस्तित्व को पुरुषप्रधान समाज में स्थापित करने का कार्य किया है । ममता कालिया ने अपने इस उपन्यास में ‘बलात्कार की समस्या’ को भी रेखांकित किया है। विशेषकर कामकाजी लड़कियाँ अक्सर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखती हैं। इस उपन्यास के द्वारा लेखिका स्त्री विमर्श के कई गंभीर मुद्दों को हमारे समक्ष प्रस्तुत की है।
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Published
2022-05-12
How to Cite
कौर म. . (2022). स्त्री जनित समस्याएँ: ममता कालिया कृत ‘लड़कियाँ’ उपन्यास के विशेष संदर्भ में. पूर्वोत्तर प्रभा, 1(2 (Jul-Dec), p.32–35. Retrieved from http://supp.cus.ac.in/index.php/Poorvottar-Prabha/article/view/23
Issue
Section
लेख
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