विश्व पटल पर हिंदी तथा भारतीय संस्कृति
Keywords:
हिन्दी, भारतीय, संस्कृति, सनातन, विश्वAbstract
हिंदी सिर्फ भारत की भाषा नहीं , वह विश्व में भी अपना स्थान बना चुकी है ।हिंदी समस्त विश्व की है। यही कारण है कि आज विश्व हिंदी दिवस के लिए एक दिन भी सुनिश्चित कर लिया है। जिस तरह हमारे भारत में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है ।उसी तरह दस जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की परंपरा बनी। यह हिंदी केलिए गौरव पूर्ण है। विश्व हिंदी दिवस ही मनाने की शुरुआत क्यों हुई। विश्व में और भी कई भाषाएं हैं। उनके लिए कोई दिवस विशेष क्यों नहीं बना, यह प्रश्न उठता है खैर…! हमें इसकी गहराई में नहीं जाना। विश्व में हिंदी ने जो स्थान बनाया है वह खास है। इसने अपना स्थान बनाने में अलग-अलग रूपों में अपने को प्रतिष्ठित किया। साहित्य में तो शुरु से ही इसका शीर्षस्थ स्थान था। विदेशों में फिल्मों,उसके गीतों तथा नाटक के माध्यम से विकसित हुई है। किसी भी भाषा या बोली के लोग क्यों ना हो हिंदी के बिना उनका काम पूर्ण नहीं होता। भले ही उनकी हिंदी व्याकरण सम्मत या परिमार्जित ना हो, लिंग दोष बोलने में आए, उच्चारण दोष हो। हिंदी में एक सहजता सरलता है। जो इसे महत्त्वपूर्ण बनाता है ।
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