पूर्वोत्तर भारत : भाषाई विविधता एवं संकट

Authors

  • कुलदीप सिंह

Keywords:

भाषा परिवार, जनजाति, लिपि, साहित्य, संपर्क भाषा, मौखिक भाषा, हिन्दी

Abstract

शोध सार : पूर्वोत्तर भारत अपनी भौगोलिक और सांस्कृतिक संरचना के कारण न केवल भारत में बल्कि विश्व में भी विख्यात है। यहाँ के प्रदेश की माजुली द्वीप, उपानन्द द्वीप, मासीनरम तथा कंचनजंघा इसे विशेषता प्रदान करती है। यह एक जनजाति बहुल प्रदेश है। यहाँ निवास करने वाली जनजातियाँ विभिन्न भाषा परिवार की लगभग 220 भाषाओं का प्रयोग करती हैं। भाषाओं की यह विविधता आज भी अध्येताओं के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। राज्य विशेष में कौन सी भाषा बोली जाती है, उसका संबंध किस भाषा परिवार से है, उनकी वर्तमान स्थिति और भाषाओं के लुप्त होने का कारण आदि का अध्ययन यहाँ किया गया है।

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Author Biography

कुलदीप सिंह

हिंदी विभाग नेहू, शिलांग

Published

2023-05-08

How to Cite

कुलदीप सिंह. (2023). पूर्वोत्तर भारत : भाषाई विविधता एवं संकट. पूर्वोत्तर प्रभा, 2(2 (Jul-Dec), p. 65–72. Retrieved from http://supp.cus.ac.in/index.php/Poorvottar-Prabha/article/view/139